प्रो. जसवंत सिंह का नया वैज्ञानिक आर्कटिक अभियान

सत्येन्द्र कुमार सिंह, संपादक-आईसीएन

भारतीय वैज्ञानिकों के लिए यह खुशी का विषय है कि प्रोफेसर जसवंत सिंह को आर्कटिक अभियान हेतु सदस्य के रूप में चुना गया है।

इस टीम में वे आठवें सदस्य हैं और यह टीम 38 दिनों में अपना काम पूरा करेगी। वे वहां मुख्य रूप से पौधों पर पराबैंगनी किरणों के प्रभावों को जानने हेतु शोध करेंगे । यह दल आज इस शोध कार्य हेतु रवाना हो गया हैं| दल इस बात की जाँच करेगा कि दोनों ध्रुवों में क्या समानताएं एवं विभिन्ताएँ हैं|

प्रो. सिंह का चयन अन्टार्टिक एवं समुद्री अनुसन्धान केंद्र, गोवा द्वारा किया गया है जिसके लिए वह केंद्र के निर्देशक डॉ. एम. रविचंद्रन एवं प्रो. मनोज दीक्षित कुलपति को धन्यवाद देते हैं| उनका मानना है कि इन्ही लोगों की प्रेरणा से उन्हें इस दुर्गम एवं कठिन अभियान में शोध करने का अवसर प्राप्त हुआ है|

प्रो. जसवंत सिंह भारत के सबसे प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक हैं । उन्हें अंटार्कटिका के 22 वें और 24 वें भारतीय वैज्ञानिक अभियान में भाग लेने का सम्मान प्राप्त है। वह अंटार्कटिका के लार्समैन हिल्स में तीसरे भारतीय स्टेशन के सदस्य भी थे।

प्रो. जसवंत सिंह डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद में पर्यावरण विभाग हेड के रूप में कार्यरत हैं। प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित अपने विशाल शोध अनुभव और पेपर के आधार प उन्हें औद्योगिक विष विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आईआईटीआर) लखनऊ के इकोटॉक्सिकोलॉजी डिवीजन में रिसर्च एसोसिएट के रूप में चुना गया।

उन्हें आईटीआरसी में आयोजित तीन सप्ताह इंडो डच प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक संकाय सहायक के रूप में आमंत्रित किया गया था, जिसमें लगभग 50 प्रतिभागियों को जल प्रदूषण के विभिन्न पहलुओं पर सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रदर्शन दिया गया था। वह भारत एवं विश्व में अपनी प्रतिभा एवं वैज्ञानिक योगदान के लिए जाने जाते हैं| वह आई.सी.एन. ग्रुप में सीनियर एसोसिएट एडिटर के रूप में भी अपना योगदान दे रहे हैं|

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